देहरादून: उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं किसी से छुपी नहीं है। हल्द्वानी महिला अस्पताल के गेट पर महिला के प्रसव का मामला अभी थमा भी नहीं था कि अब ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल में छः महीने के मासूम की मौत हो गई है। मामले में डॉक्टर और कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगा है। परिजनों ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की 104 हेल्पलाइन पर लापरवाही की शिकायत की है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल में कुछ समय पूर्व छह माह की बच्ची इलाज के लिए अस्पताल लाई गई थी। आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टर ने दोपहर ढाई बजे से शाम 6:30 बजे तक बच्ची को नहीं देखा। जिससे बच्ची की मौत हो गई है। ऐसे में एक बार फिर राज्य की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की सच्चाई सामने आ गई है।
बताया जा रहा है कि अस्पताल में सिर्फ एक ही गंभीर बीमार बच्ची भर्ती थी। उसके बावजूद डॉक्टर ने बच्ची को नहीं देखा। अगर समय रहते बच्चे की जांच कर लेते तो शायद आज वह जिंदा होती। परिजनों द्वारा डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया गया है। मामले में शिकायत के बाद मामले की जांच की गई। जांच कमेटी की बैठक के बाद मामले की रिपोर्ट स्वास्थ्य महानिदेशक को भेजी जा रही है ।
एनएचएम की निदेशक डॉ . सरोज नैथानी ने बताया, कि जांच में पाया गया कि ” बच्ची के परिजनों को उसकी हालत ठीक न होने की बात बताई पर इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर को इसकी जानकारी नहीं दी गई । शिफ्ट बदलने के बाद आए दूसरे डॉक्टर ने भी बच्ची को नहीं देखा। जबकि इलाज न मिलने पर मासूम ने दम तोड़ दिया जांच में डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही साबित हुई है।