उत्तराखंड

देहरादून में हरियाली और भूजल संरक्षण को लेकर MDDA सख्त, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग और ग्रीन बिल्डिंग्स पर विशेष ज़ोर

देहरादून। बढ़ती गर्मी और गिरते भूजल स्तर को देखते हुए मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कमर कस ली है। प्राधिकरण उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी की अध्यक्षता में शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें आर्किटेक्ट एवं ड्राफ्टमैन एसोसिएशन, मैप सेल और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

बैठक में उपाध्यक्ष तिवारी ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि शहर में पास किए जा रहे भवनों के नक्शों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान अनिवार्य रूप से लागू किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी निर्माण स्थलों पर रिचार्ज पिट अवश्य बनें, ताकि भूजल स्तर में सुधार किया जा सके।

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हरियाली और सौर ऊर्जा पर विशेष ज़ोर

उपाध्यक्ष तिवारी ने कहा कि नए प्रोजेक्ट्स में हरियाली को प्राथमिकता दी जाए और अधिक से अधिक फलदार एवं छायादार पौधे लगाए जाएं। इसके साथ ही उन्होंने सोलर एनर्जी के उपयोग को बढ़ावा देने की बात कही, जिससे ऊर्जा संरक्षण को भी बल मिलेगा।

सड़क निर्माण में भी अपनाए जा रहे नवाचार

प्राधिकरण द्वारा निर्माणाधीन सड़कों और नालियों के किनारों को कच्चा छोड़ा जा रहा है, जिससे वर्षा का पानी धरती में समा सके और भूजल रिचार्ज हो सके। साथ ही, नए भवनों में अधिक ओपन एरिया छोड़ने और इंटरलॉकिंग टाइल्स के उपयोग को भी बढ़ावा देने की बात कही गई है।

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नो मैन्स लैंड पर होगा पौधरोपण

MDDA ने बिल्डर्स और आर्किटेक्ट्स से अपील की है कि शहर में खाली पड़ी ‘नो मैन्स लैंड’ पर पौधरोपण किया जाए। साथ ही, होटल, स्कूल और ग्रुप हाउसिंग जैसी इमारतों में दक्षिण दिशा की दीवारों को उष्मा-रोधी डिज़ाइन में बनाने का सुझाव भी दिया गया।

ग्रीन बिल्डिंग्स को मिलेगी प्राथमिकता

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बैठक में ग्रीन बिल्डिंग मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने की बात कही गई। उपाध्यक्ष ने बताया कि ग्रीन बिल्डिंग्स को FAR (फ्लोर एरिया रेशियो) में विशेष छूट दी जाती है, लेकिन इसके बदले मानकों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।

विकास शुल्क व लेबर सेस पर दिए सुझाव

बैठक के अंत में आर्किटेक्ट्स एवं ड्राफ्टमैन द्वारा लेबर सेस में रियायत व सभी शुल्कों को एक साथ लिए जाने का सुझाव दिया गया। इस पर उपाध्यक्ष तिवारी ने शासन स्तर पर वार्ता कर उचित संशोधन कराने का आश्वासन दिया।

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