दारुल उलूम वक्फ बोर्ड देवबंद के प्रतिनिधिमण्डल ने महंत देवेन्द्र दास महाराज से की भेंट, हुई ये चर्चा
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देहरादून। दारुल उलुम वक्फ बोर्ड देवबंद के प्रतिनिधिमण्डल ने शनिवार को श्री दरबार साहिब में श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज से शिष्टाचार भेंट की। प्रतिनिधिमंण्डल में मुफ्ती मुहम्मद एहसान चीफ ओरगनाइजर आॅफ मुफ्तीज़ आॅल ओवर इण्डिया, चीफ मुफ्ती दारुल उलुम देवबंद, मुफ्ती गुफरान, प्रोफेसर जमियत-उल-उलूम देवबंद, कारी साजिद साहब (पूर्व मंत्री देवबंद, उत्तर प्रदेश सरकार), मलिक मौजान, सामाजिक कार्यकर्ता देवबंद, मुफ्ती रहीश एहमद कासमी शहर मुफ्ति देहरादून एवम् चीफ इमाम उत्तराखण्ड व सदर जमित ओलामा हिन्द प्रबन्धक मदरसा जामियतुस सलाम ,मौलाना तौहीद, मुजफ्फरनगर ने श्री दरबार साहिब में अमन-ओ- अमान, सभी की तरक्की और नेक राह पर चलने की दुआ मांगी। देवबंद से आए प्रतिनिधिमण्डल ने श्री दरबार साहिब के सज्जादे गद्दी नशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज को दारुल उलूम देवबंद आने का निमंत्रण दिया।
शनिवार को दारुल उलूम वक्फ बोर्ड देवबंद का प्रतिनिधिमण्डल श्री दरबार साहिब पहुंचा। श्री दरबार साहिब की परंपरा के अनुसार उनका स्वागत किया गया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल गणमान्य व्यक्तियों ने श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की ओर से स्वास्थ्य एवम् चिकित्सा सेवा में दी जा रही सेवाओं की भूरी भूरी प्रशंसा की। उन्होने एसजीआरआर देवबंद शाखा के द्वारा स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान की विशेष रूप से तारीफ की।
मुफ्ती मुहम्मद एहसान ने कहा कि मुस्लिम सम्मेलनों में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में आमजन से बहुत अच्छे फीडबैक मिलते हैं। सहारनपुर व पड़ोसी राज्यों से भारी संख्या में मरीज़ श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। उन्होंने श्री महंत इन्दिरेश अस्पतला के डाॅक्टरों की टीम व स्टाफ को इस नेक कार्य के लिए मुबारकबात दी।
वार्ता के दौरान काशी मथुरा विवाद को कोर्ट से बाहर सुलझाने के लिए आम सहमति पर किस प्रकार सहमति बन सकती है ? इस बारे में चर्चा हुई। वर्तमान में शरीयत कानून की प्रासंगिकता एवम् समान नागरिक संहिता लागू होने से समाज को कितना लाभ हो सकता है विषय पर भी विस्तृत विचार विमर्श हुआ। इसके अलावा उत्तराखण्ड के मदरसों व वक्फ बोर्ड की दशा सुधारने पर भी चर्चा हुई।
विद्धवतजनों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि समाज के युवाओं में सहनशीलता बढ़ाए जाने के लिए सामुहिक प्रयास जरूरी हैं। नशे की प्रवृति पर पूर्णं रोक लगाना आज के समय की मांग है।