उत्तराखंड

शीतकाल के लिए बंद हुए भगवान बद्री विशाल के कपाट

जोशीमठ। बद्रीनाथ धाम के कपाट आज शनिवार को 3 बजकर 35 मिनट पर विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। माणा गांव के महिला मंडल द्वारा बुने गए ऊन के घृत कंबल को भगवान बदरी विशाल को ओढ़ाकर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए गए। इस अवसर पर बदरीनाथ धाम के सिंह द्वार को गेंदे के फूलों से सजाया गया है। धाम के कपाट बंद होने के मौके पर करीब 10000 तीर्थ यात्रियों ने बद्रीनाथ धाम की अंतिम पूजाओं में प्रतिभाग किया।

यह भी पढ़ें 👉  सम्मानित:ऋषिकेश में भाजपा का “भीमराव अंबेडकर सम्मान अभियान”, अनुसूचित वर्ग के लोग हुए सम्मानित

 

ज्योतिर्माठ के शंकराचार्य रहे मौजूद

कपाट बंद होने के मौके पर सेना के मधुर बैंड धुनों पर तीर्थयात्री जमकर झूमे। कपाट बंद होने के बाद कुबेर और उद्धव जी की उत्सव मूर्ति डोली बामणी गांव के लिए रवाना हुई। इस वर्ष कपाट बंद होने के मौके पर ज्योतिर्माठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज भी उपस्थित रहे। साथ ही बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय भी मौजूद रहे। बता दें कि इस वर्ष बद्रीनाथ धाम में 17 लाख 60 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ धाम के दर्शन किए, जो अब तक का रिकॉर्ड है।,

यह भी पढ़ें 👉  नहर की पटरी से लाखों की लकड़ी चोरी, विभाग खामोश, कार्रवाई नदारद

 

रवाना हुई उत्सव मूर्ति डोली

कपाट बंद होने के बाद कुबेर और उद्धव जी की उत्सव मूर्ति डोली बामणी गांव के लिए रवाना हुई। 20 नवंबर सुबह श्री उद्धव जी व श्री कुबेर जी की डोली श्री बदरीनाथ धाम से श्री योग ध्यान बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेगी। साथ में रावल व आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी भी योग बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेगी। श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी शीतकाल में श्री योग बदरी पांडुकेश्वर में प्रवास करेंगे ,जबकि 20 नवंबर को पांडुकेश्वर प्रवास के पश्चात 21 नवंबर को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी। इसके पश्चात योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं आयोजित होगी।

यह भी पढ़ें 👉  मंत्र:संघर्ष से सफलता तक: UPSC टॉपर अंशुल भट्ट ने SGRRU छात्रों को दिए सफलता के मंत्र"

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

The Latest

To Top