उत्तराखंड

धामी सरकार की पहली सालगिरह, बीजेपी ने बेमिसाल तो विपक्ष ने फ्लॉप बताया कार्यकाल




देहरादून। उत्तराखंड की धामी सरकार का एक साल का कार्यकाल 23 मार्च को पूरा होने जा रहा है। सरकार से लेकर संगठन तक सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल को जश्न की तरह मानाया जाएगा। तना ही नहीं बीजेपी ने धामी सरकार के बजट की खूबियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए भी कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला लिया है बीजेपी धामी सरकार के एक साल के कार्यकाल को बेमिसाल बताकर इसका जश्न मना रही है तो दूसरी तरफ विपक्ष सरकार के अबतक के कार्यकाल को पूरी तरह से विफल बता रहा है।

 

एक साल पूरे होने पर यह होंगे कार्यक्रम

उत्तराखंड की धामी सरकार का एक साल का कार्यकाल 23 मार्च को पूरा होने जा रहा है। बीजेपी ने इसके लिए बहुउद्देशीय शिविर लगाकर सरकार की उपलब्धियों व योजनाओं को लेकर लोगों को जागरूक करने का फैसला लिया है। साथ ही सभी जिला और ब्लाक मुख्यालयों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं को पूरे प्रदेशभर में प्रेसकॉन्फ्रेंस करने के भी निर्देश दिए हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बताया कि संगठन धामी सरकार के एक साल को जश्न के तौर पर मनाएगा। जिलास्तर पर बहुउद्देशीय शिविर लगाकर सरकार की उपलब्धियों व योजनाओं को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा।

 

विपक्ष ने बताया विफल

आपको बता दें कि धामी सरकार ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल में कई बड़े फैसले लिए हैं, जिसके तहत सख्त नकल विरोधी कानून, राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण को मंजूरी, के साथ ही सरकार ने सख्त धर्मांतरण कानून को लागू कराया है इसके तहत जबरन धर्मांतरण कराने वालों को 10 वर्ष तक की जेल का प्रावधान किया गया है। वहीं विपक्ष का कहना है कि सरकार का एक साल का कार्यकाल फ्लोप साबित हुआ है। कांग्रेस पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा सौनी ने तंज करते हुए कहा कि भाजपा किस बात का जश्न मनाने जा रही है। बेरोजगारों पर लाठीचार्ज, अंकिता भंडारी हत्याकांड, केदार भंडारी का लापता होना, जोशीमठ भू-धंसाव में प्रभावितों की राहत सामग्री की बंदरबांट जैसे कई विषय हैं, जिससे पता चलता है कि सरकार के अब तक का कार्यकाल पूरी तरह से विफल रहा है। गरिमा का कहना है कि प्रदेश की धामी सरकार ने उत्तराखंड को भूमाफिया और खनन माफियाओं के हाथों में गिरवी रख दिया। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। ना ही युवा प्रदेश के अंदर अपना भविष्य देख पा रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या भाजपा इस बात का जश्न मना रही है कि धामी सरकार ने प्रदेश को गर्त में डाल दिया है।

 

दायित्वों की आस

उत्तराखंड में धामी सरकार अपने एक साल के कार्यकाल पर भाजपा संगठन के सीनियर कार्यकर्ताओं को दायित्वों का तोहफा दे सकती है। इसको लेकर अंदरखाने चर्चा तेज है। हालांकि कार्यकर्ता नए साल से दायित्व का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन इस बार हिंदू नव वर्ष और धामी सरकार के एक साल के कार्यकाल पूरे होने पर ये घोषणा कभी भी हो सकती है।

 

खाली पदों की संख्या 100 से अधिक

उत्तराखंड की धामी सरकार में भाजपा संगठन के कार्यकर्ताओं का दायित्व का इंतजार जल्द पूरा हो सकता है। इस बार सरकार और संगठन की और से इस बात के संकेत मिल रहे हैं। सरकार को जो आंकड़े मिले है उसके हिसाब से विभिन्न बोर्डों, निगमों और समितियों में शासन को अभी तक 88 खाली पदों का ब्योरा प्राप्त हुआ है। इनमें सदस्यों की संख्या को जोड़कर खाली पदों की संख्या 100 से अधिक है। ऐसे में पहले चरण में कम से कम 50 दायित्वधारियों का नंबर आ सकता है। हालांकि ये सभी पार्टी के सबसे वरिष्ठ पदाधिकारी ही होंगे। दायित्वधारियों की लिस्ट को लेकर कई बार सीएम पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम के बीच चर्चा हो चुकी है। इससे पहले सरकार दायित्व को लेकर होमवर्क कर चुकी है।

 

धामी सरकार का रोडमैप क्या? 

कुल मिलाकर किसी भी सरकार के आंकलन के लिए एक साल का कार्यकाल बहुत अधिक नहीं होता लेकिन फिर भी सरकार की दिशा और दशा का आंकलन तो किया ही जा सकता है। निश्चित ही धामी सरकार की कई खामियां हो लेकिन सीएम धामी ने कम उम्र का होने के बावजूद भी जिस तरह से अपने विरोधियों को पीछे छोड़ हर किसी के दिल में जगह बनाई है वो भी कोई कम बड़ी उपलब्धि नहीं है। सवाल ये है कि धामी सरकार के पास आगे का क्या रोडमैप है और उसपर सरकार कितना काम कर रही है ये बड़ा सवाल है।

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