उत्तराखंड

श्री हेमकुंड साहिब के कपाट खुले, 2000 संगतों की उपस्थिति में यात्रा का हुआ आगाज




गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब के कपाट आज श्रृद्धालुओं के लिये विधिवत अरदास के साथ खोल दिए गए हैं। इसके साथ ही आज लगभग 2000 संगतों की उपस्थिति में श्री हेमकुंड साहिब की पावन यात्रा का भव्य रूप से आरंभ हो गया है।

 

बता दें कि ऋषिकेश गुरूद्वारा परिसर से 17 मई को पंज प्यारों की अगुवाई में राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रीगणों द्वारा पहले जत्था को रवाना किया गया था जो कि गुरूद्वारा गोविंद घाट से गोविंद धाम पैदल चलते हुए आज सुबह श्री हेमकुंड साहिब पहुंचा। आज सुबह से ही हजारों की संख्या में देश-विदेश से आए श्रद्धालु श्री हेमकुंड साहिब पहुंचने लगे।

 

बैंड बाजों की धुनों और संगतों द्वारा किए गए कीर्तन, पुष्पवर्षा के बीच पंज प्यारों की अगुवाई में गुरूद्वारा साहिब के मुख्य ग्रंथी भाई मिलाप सिंह और गुरूद्वारा हेमकुंड साहिब के प्रबंधक सरदार गुरनाम सिंह द्वारा सुबह 9:30 बजे पवित्र गुरू ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों को सुखासन स्थल से दरबार साहिब में लाया गया तथा पावन प्रकाश करते हुए अरदास की मुख्य ग्रंथी द्वारा सुबह 10.15 बजे सुखमनी साहिब जी का पाठ किया गया। सुबह 11.30 बजे से भाई सूबा सिंह रागी जत्था भाई सुखविंदर सिंह रागी जत्था और भाई जसवीर सिंह रागी जत्था द्वारा गुरबाणी कीर्तन किया गया, जिससे कि दरबार साहिब में उपस्थित संगतें निहाल हो उठीं। इसके बाद दोपहर 12.30 बजे अरदास की गई और पहला हुकमनामा जारी किया गया। इसके अलावा निशान साहिब जी के चोले की सेवा भी चलती रही एवं फूलों से दरबार हॉल की सजावट भी की गई।

 

पवित्र धाम श्री हेमकुंड साहिब में काफी बर्फ होने के बावजूद गुरु महाराज जी की कृपा से हर्षोल्लास के साथ देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यात्रा का शुभारंभ हो गया। श्री हेमकुंड साहिब जी से सीधा प्रसारण पीटीसी सिमरन पर प्रतिदिन सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक किया जाएगा।

 

418 इंडीपेंडेंट कोर के जवानों एवं प्रशासन के साथ गुरूघर के सेवादारों ने भी यात्रा की आरंभता के लिए बहुत सहयोग किया। यात्रा शुभारंभ के इस पावन अवसर पर ब्रिगेडियर एवं ऑफिसर कमांडर भी मौजूद रहे गुरूद्वारा ट्रस्ट आशा करता है कि आने वाले सभी श्रृद्धालु पवित्र भावना व आपसी सौहार्द के साथ प्रशासन एवं गुरूघर सेवादारों को सहयोग करते हुए यात्रा को निर्विघ्न सफल बनाएगें।

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