राजधानी दिल्ली में शनिवार की सुबह लॉकडाउन की याद दिलाती हुई आई। दिल्ली में शराब ठेकों के बाहर शनिवार सुबह से एक बार फिर लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं। दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति पर यू-टर्न लेते हुए फिलहाल इसे वापस लेने का फैसला किया है। इस कारण शराब की दुकानें बंद होने के डर से लोग स्टॉक जमा कर रहे हैं।
नई शराब नीति पर बवाल के बाद अब दिल्ली सरकार ने घुटने टेक दिए हैं। अब दिल्ली में पुरानी शराब नीति लागू होगी। दिल्ली में लागू की गई नई शराब नीति पर जारी घमासान को लेकर आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी गुजरात की तरह यहां भी नकली शराब बेचना चाहती है। उन्होंने कहा कि गुजरात में बीजेपी के लोग घर में नकली शराब बनाते हैं और बेचते हैं, यही इनका मॉडल है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में नई शराब नीति में कोई घोटाला नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में पहले ज्यादातर शराब की सरकारी दुकानें थीं, खूब भ्रष्टाचार होता था, इनसे लाइसेंस फीस भी कम ली जाती थी, हमने इन दुकानों को खत्म किया। उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि नई पॉलिसी में भी पहले की तरह 850 दुकानें थीं, इन्होंने प्राइवेट दुकान वालों को ईडी और सीबीआई से धमकी दिलवाई, इसके बाद कई सारे लोग दुकान छोड़कर चले गए। आज दिल्ली में शराब की 468 प्राइवेट दुकानें हैं।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को बताया कि दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति पर यू-टर्न लेते हुए फिलहाल इसे वापस लेने का फैसला किया है और सरकार द्वारा संचालित दुकानों के जरिए शराब की बिक्री किए जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि शराब अब केवल सरकारी दुकानों के माध्यम से बेची जाए और कोई अराजकता न हो।
नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली में चल रहीं 468 निजी शराब की दुकानें 1 अगस्त से उनके लाइसेंस की अवधि खत्म होने के चलते बंद हो जाएंगी। इस नीति की अवधि को 30 अप्रैल के बाद दो बार दो-दो महीने के लिए बढ़ाया गया था। यह अवधि 31 जुलाई को समाप्त होगी।