–-समझिये मामला ज्वलंत है, रोक और कार्रवाई न हुई तो आगे बेरोजगार सड़को पर आने वाला है–
–त्याग समर्पण की बात करने वाली आरएसएस नौकरी के नाम पर भूल गई त्याग का जुमला –जयेन्द्र रमोला
ऋषिकेश। आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला के नेतृत्व में विधानसभा में अपने रिश्तेदार व नज़दीकियों की सिफ़ारिश कर नौकरी लगवाने के विरोध में आरएसएस दफ़्तर में आरएसएस के प्रचारकों से युवा और बेरोज़गारों ने अपनी डिग्री दिखाकर नौकरी की गुहार लगाई, कहा ज़ब RSS के कार्यकर्ता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अपने चाहने वालों अपने रिश्तेदारों को मनको को ताक पर रखकर नौकरी लगा सकते हैं तो फिर हमें क्यों नहीं, क्या Rss, भाजपा का जंगलराज है, जो अपनों को अंदर और बेरोजगारों को बाहर किया जाय। इस मौके पर कार्यालय बंद होने के कारण युवा बेरोज़गार बाहर दरवाज़े पर ही नौकरी की गुहार लगाने लगे।
जयेन्द्र रमोला ने कहा कि जहॉं एक ओर पढ़ा लिखा स्थानीय बेरोज़गार युवा नौकरी को दर दर भटक रहा है वहीं दूसरी ओर पूर्व में विधानसभा अध्यक्ष रहे मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने अपने परिवार व नज़दीकियों को ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से पीछे के दरवाज़े से नौकरी लगवाने का काम किया, जिसमे की कई RSS से ताल्लुक रखने वाले भी हैं। आरएसएस के शीर्ष नेताओं ने अपने परिवार के उन लोगों को ग़लत तरीक़े से नौकरी दिलवाने का काम किया जो उत्तराखण्ड के मूल निवासी तो क्या स्थाई निवासी भी नहीं है तो कहीं ना कहीं इस प्रकरण से आरएसएस की कार्यप्रणाली की भी पोल खुल गई है।
कहा कि आरएसएस के नेता त्याग, समर्पण, देशभक्ति की बात कर व परिवारवाद के खिलाफ की बड़ी बड़ी बात करके लोगों के बीच में जाते थे वे आज अपने परिवार वाद में अंधे होकर बेरोज़गारों का हक़ मारने का काम कर रहे हैं।
कहा कि जल्द इसमें कोई ठोस कार्रवाई न हुई तो युवा बेहतर अंजाम देना भी जानते हैं, देश की सीमा पर दुश्मनो को भी और देश के गद्दार नेताओं को भी।
विरोध करने वालों मे पूर्व युंका ज़िलाध्यक्ष शिव प्रसाद भट्ट, प्रदेश सचिव विवेक तिवारी, युका महानगर अध्यक्ष जितेंद्र पाल पाठी, अभिनव मलिक, जगजीत सिंह, युंका प्रदेश महासचिव गौरव राणा, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष गौरव कुमार राणा,एनएसयूआई अध्यक्ष शिवा सिंह, प्रिंस सक्सेना, अंकित पयाल आदि शामिल रहे।