उत्तराखंड

उत्तराखंड: 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए शुभंकर ‘मौली’ लॉन्च

देहरादून। महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम काम्प्लेक्स में अगले साल 28 जनवरी से होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए शुभंकर मौली को लॉन्च कर दिया गया है। राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर प्रतीक मौली यानी मोनाल पक्षी नए अवतार में आकर्षक और प्रेरक लग रहा है। साथ ही राष्ट्रीय खेल के लोगो को भी नए सिरे से डिजाइन किया गया है। इसकेस लिए जर्सी, मशाल और एंथम भी लॉन्च किया गया। इन सभी में उत्तराखंड की छाप साफतौर पर नजर आ रही है।

38 वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी उत्तराखंड को करीब आठ वर्ष पहले मिल गई थी। तब इसका शुंभकर प्रतीक और लोगो जारी किया गया था। इन खेलों के लिए उत्तराखंड के राज्य पक्षी मोनाल को शुभंकर प्रतीक बनाया गया था। मगर लंबे विमर्श के बाद शुभंकर प्रतीक को और आकर्षक बनाने का फैसला लिया गया, जो अब मौली के रूप में सामने आ चुका है। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 38 वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हमारे लिए सौभाग्य की बात है।

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उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष में खेलों के इतने बड़े आयोजन की मेजबानी के लिए हम उत्साहित हैं। इसके लिए हमारी पूरी तैयारी है। सभी के सहयोग से भव्य और बेहतर इंतजाम किए जाएंगे। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों का आयोजन ऐतिहासिक होगा। यह खेल उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में भी स्थापित करेंगे। सरकार इन खेलों के भव्य और सफल आयोजन के लिए प्रतिबद्ध है।

राष्ट्रीय खेल सचिवालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सिन्हा ने कहा कि हमारी तैयारी तेजी से सही दिशा में आगे बढ़ रही है। हम बेहतर आयोजन के लिए प्रतिबद्ध हैं। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशांत आर्य के मुताबिक-बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए जिस तरह की भी आवश्यकता है, उसके इंतजाम किए जा रहे हैं। केंद्रीय खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा भी कार्यक्रम में मौजूद रही। खेल राज्य मंत्री ने खेलों के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं।

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वहीं, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने कहा किओलंपिक ऐसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने कहा कि उत्तराखंड राज्य खेलों के विकास में एक मानदंड स्थापित कर रहा है। सांस्कृतिक विरासत का निर्माण कर रहा है, एक ऐसी विरासत का निर्माण कर रहा है जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। मुझे यह घोषणा करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि भारतीय ओलंपिक संघ पूरे दिल से योगा और मलखम को अंतरर्राष्ट्रीय खेलों में शामिल करने की सिफारिश को स्वीकार करता है।

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राष्ट्रीय खेलों की मशाल में सदानीरा गंगा, राज्य पुष्प् ब्रहमकमल के चिन्ह नजर आ रहे हैं। इसे इसी हिसाब से डिजायन किया गया है। इसके अलावा, उत्तराखंडी लोक कला एपण के भी प्रचार सामग्री से लेकर अन्य जगहों पर प्रभावी ढंग से नजर आएगी। साथ ही महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज परिसर में राष्ट्रीय खेलों के दौरान छह टन स्क्रैप से बना टाइगर भी खिलाड़ियों और दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा। यह पूरी तरह से स्क्रैप से तैयार किया गया है, जिसे बनाने में करीब 20 दिन लगे।

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