उत्तराखंड

Uttarakhand Weather: प्रदेश में बिगड़ा मौसम का मिजाज; भारी बारिश का अलर्ट जारी




देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है। पहाड़ से लेकर मैदान तक मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक फिलहाल बारिश से राहत के आसार नहीं हैं। प्रदेश भर में 26 सितंबर तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। इसे लेकर येलो अलर्ट भी जारी किया गया है।

यलो अलर्ट जारी

प्रदेश के पर्वतीय जिलों में शनिवार को कहीं-कहीं हल्की बारिश हुई। हालांकि मैदानी इलाकों में बादल छाए रहने से उमस से राहत मिली। रविवार को भी प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में बारिश होने की संभावना है। मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक, आज प्रदेश के सभी जनपदों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। देहरादून, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, उधम सिंह नगर, पिथौरागढ़, चमोली, पौड़ी, अल्मोड़ा और उत्तरकाशी जिले में कहीं-कहीं गरज चमक के साथ भारी बारिश हो सकती है।

मानसून आपदा से प्रदेश को 1400 करोड़ का नुकसान

बारिश ने इस बार जमकर कहर बरपाया है। प्रदेश में मानसून में हुई आपदा से 1417.51 करोड़ का नुकसान हुआ है। कई जगह सड़कें क्षतिग्रस्त हुई और पुल टूट गए। गन्ने की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है। सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा ने कहा, आर्थिक सहायता के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। बता दें कि बारिश से राज्य में गन्ने की फसल को सबसे अधिक 464.49 करोड़ का नुकसान हुआ। जबकि लोक निर्माण विभाग की सड़कें क्षतिग्रस्त होने और जगह-जगह पुल टूटने से 424.73 करोड़ और पीएमजीएसवाई की सड़कों को 132.13 करोड़ का नुकसान हुआ।

जगह-जगह मलबा आने से राजमार्ग में क्षतिग्रस्त
यूपीसीएल को 34.22 करोड़, पेयजल निगम को 13.68 करोड़, जल संस्थान को लाइनें क्षतिग्रस्त होने से 38.05 करोड़, सिंचाई विभाग को 76.42 करोड़, वन विभाग को 24.76 करोड़, पंचायती राज विभाग को 45.88 करोड़ का नुकसान हुआ है। बारिश से राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों को भी भारी नुकसान हुआ है। जगह-जगह राजमार्ग में मलबा आने और उसके क्षतिग्रस्त होने से 52.85 करोड़ का नुकसान हुआ है। इसके अलावा स्वास्थ्य, मत्स्य आदि विभागों को भी नुकसान हुआ है।

हरिद्वार में सबसे अधिक 657.37 करोड़ का नुकसान
मानसून में हरिद्वार जिले में सबसे अधिक 657.37 करोड़ का नुकसान हुआ है। जिले में सड़कें क्षतिग्रस्त होने के साथ ही कई जगह पुल टूट गए। गन्ने की फसलों को भी यहां भारी नुकसान हुआ है।

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