श्रीनगर। जोशीमठ के विस्थापन और पुनर्वास की मांग को लेकर युवाओं की पद यात्रा आज श्रीनगर से देहरादून के लिए रवाना हुई। इस दौरान यात्रा में शामिल युवाओं ने कहा कि जोशीमठ के आपदा प्रभावित लोग बेघर हो चुके हैं। उन्होंने सरकार से जोशीमठ को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए जाने और प्रभावितों को उचित मुआवजा, पुनर्वास और रोजगार की व्यवस्था किए जाने की मांग की है।
आपको बता दें कि एक मार्च को जोशीमठ से शुरू की गई यह यात्रा 290 किमी की दूरी तय करने के बाद 14 मार्च को देहरादून पहुंचेगी। जोशीमठ के युवा यात्रा के माध्यम से लोगों को जोशीमठ आपदा और जल विद्युत परियोजनाओं से होने वाले विनाश के बारे में जागरूक कर रहे हैं। युवाओं का कहना है कि आपदा से सबकी रोजी रोटी ठप हो चुकी है। इसके बाद भी सरकार ने आज तक इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया है। श्रीनगर पहुचे यात्रियों ने बदरी-केदार धर्मशाला श्रीनगर में देहरादून रवाना होने से पूर्व आयोजित बैठक में लोगों को विनाशकारी विकास के ढांचे के खिलाफ, पर्यावरण, विश्व धरोहर हिमालय और जोशीमठ को बचाने का संदेश दिया। वहीं इस दौरान गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी यात्रा को अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र संपूर्ण मानवता की धरोहर है। इसे बचाने के लिए भी सभी को सामूहिक प्रयास करना चाहिए। उन्होंने सरकार से जोशीमठ को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए जाने और प्रभावितों को उचित मुआवजा, पुनर्वास और रोजगार की व्यवस्था किए जाने की मांग की है।